कांग्रेस सरकार में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष और खाद आपूर्ति मंत्री रह चुके योगानंद शास्त्री शनिवार 4 में 2024 को वापस से एनसीपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए.

कई कांग्रेसी नेताओं के लगातार कांग्रेस छोड़ने के बीच इतने बड़े दिग्गज और पुराने नेताओं में शुमार योगानंद शास्त्री जी का वापस कांग्रेस में आना कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी राहत साबित हो सकती है बताते चले कि योगानंद शास्त्री 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिए थे वह जाट समुदाय से आते हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं.

कांग्रेस छोड़ने का मुख्य कारण योगानंद शास्त्री जी का 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में महरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना था लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया इसी वजह से नाराज होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

वापस से योगानंद शास्त्री जी के पुनः कांग्रेस में शामिल होने पर दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि योगानंद शास्त्री की बातें देश के हर युवा को प्रेरणा देती है उन्होंने कहा कि मैं योगानंद शास्त्री जी को पिछले 10 वर्षों से जानता हूं मैं राजनीतिक में उनके जैसा व्यक्तित्व नहीं देखा और मिलना भी मुश्किल है कांग्रेस पार्टी को योगानंद शास्त्री जी की उपस्थिति में एक नई ताकत मिलेगी दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा के कांग्रेस पार्टी में मैं आपका पुनः स्वागत करता हूं.

कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद क्या कहे योगानंद शास्त्री जी : वापस से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद योगानंद शास्त्री जी ने कहा कि “यह मेरे सौभाग्य की बात है कि मैं कांग्रेस में वापस शामिल हो रहा हूं मैं बता दूं कि मैं कहीं दूर नहीं था मैं पास में ही बैठा था क्योंकि जिस पार्टी में मैं गया था उनके सिद्धांत और कांग्रेस के सिद्धांत आपस में मेल खाते हैं मैं दीपक बावरिया जी का आभारी हूं जिन्होंने मुझे कांग्रेस पार्टी में वापस जोड़ने के लिए आग्रह किया”

कांग्रेस से इस्तीफा देने का मुख्य कारण क्या था : योगानंद शास्त्री जी का कांग्रेस से जनवरी 2020 में इस्तीफा देने का मुख्य कारण प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ वैचारिक मतभेद थे. उसे वक्त कहा गया था कि योगानंद शास्त्री ने कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं की पार्टी में उपेक्षा से थक कर कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाकू को अपना इस्तीफा भेज दिया था दरअसल शास्त्री जी ने दिल्ली विधानसभा के चुनाव के वक्त दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था उन्होंने कहा था कि प्रदेश कांग्रेस की कमान ऐसे व्यक्ति के पास है जो किसी का सम्मान नहीं करता है और ऐसे लोगों से गिरा है जो विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने में पूरी तरह लिपटा है.

योगानंद शास्त्री जी को 1993 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार हार का सामना करना पड़ा था उसके बाद उन्हें पिछले दोनों विधानसभा चुनाव 2013 और 2015 में भी हार का सामना करना पड़ा जब जाकर 2015 विधानसभा चुनाव में शास्त्री जी को आम आदमी पार्टी के नेता सोमनाथ भारती से हार मिली, उन्होंने 2020 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और 2021 में शरद पवार की एनसीपी पार्टी ज्वाइन कर ली थी. योगानंद शास्त्री जी दिल्ली की महरौली विधानसभा क्षेत्र से एक बार और मालवीय नगर विधानसभा से दो बार विधायक रह चुके और 2008 से 2013 तक दिल्ली विधानसभा में विधानसभा में अध्यक्ष भी रहे हैं.

योगेंद्र शास्त्री जी आज 4 में 2024 को दिल्ली में कांग्रेस के मुख्यालय पहुंचकर पार्टी की सदस्यों का वापस से ग्रहण की इसी के साथ लगातार बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने बीच योगानंद शास्त्री जी का पार्टी ज्वाइन करना एक बहुत बड़ी राहत साबित होगी.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *